"यह 'कवित्त रामायण' बिल्कुल सरल हिंदी को कविता रूप देकर लिखी हुई रामायण है, जिसको लिखने का अभिप्राय केवल, स्वयं को भगवान के अर्पण करना है। इस पुस्तक की रचना किसी भी धर्म या व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं कि गई। बचपन से रामायण को पढ़ा और सुना है, अतः जो मेरी बुद्धि ने ग्रहण किया, उसी के अनुसार इसकी रचना हुई। मेरी तुच्छ बुद्धि से यदि कोई त्रुटि रह गई हो तो, पाठकों से निवेदन है, मुझे अनजान जानकर क्षमा प्रदान करें। "